अनुप्रिया पटेल का नेशनल कॉन्फ्रेंस व कांग्रेस पर तीखा हमला, पूछा, क्या वंचितों का हक छीनकर बनायेंगे नया कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में वंचितों, पिछड़ों, और शोषितों को आरक्षण का अधिकार प्राप्त करने के लिए सात दशक तक इंतजार करना पड़ा। अनुच्छेद 370 और 35ए के हटने के बाद राज्य में पहली बार असमानता को समाप्त करने और वंचितों को न्याय देने के लिए देश के अन्य राज्यों की तरह यहां भी ओबीसी, एससी, एसटी, बक्करवाल,और पहाड़ी आरक्षण लागू हुआ। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में आरक्षण नीति की समीक्षा करने, अनुच्छेद 370 के हटने के बाद लिए गए सभी निर्णयों को वापस लेकर नया कश्मीर बनाने का वादा किया है।
प्रश्न उठता है क्या उनका नया कश्मीर वंचितों और शोषितों के अधिकारों की कब्र पर बनेगा? हमें ऐसा नया कश्मीर नहीं चाहिए जो वंचितों, शोषितों, और पिछड़ों के आरक्षण के संवैधानिक अधिकारों को छीनकर बनाया जाए।
अनुप्रिया पटेल ने कांग्रेस पर भी साव्जल्ल उठाते हुए कहा, “सवाल कांग्रेस के रवैये का भी है, जो सामाजिक न्याय का झूठा आवरण ओढ़कर पूरे देश में आरक्षण और संविधान के खत्म होने का भ्रम फैला रही है। वही कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में आरक्षण खत्म करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के वादे पर चुप है। आरक्षण खत्म करने की अपने सहयोगी की गारंटी पर श्री राहुल गांधी इसका बचाव क्यों नहीं कर रहे?”
इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के मुंह में इस महत्वपूर्ण सवाल पर चुप्पी क्यों है? नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के इस कदम पर इनकी खामोशी बताती है कि ये वंचितों और पिछड़ों के हितैषी नहीं बल्कि अवसरवादी हैं। “
कांग्रेस का यह चयनित दृष्टिकोण नया नहीं है। इस सवाल पर इंडी गठबंधन के सहयोगियों को भी अपनी चुप्पी तोड़कर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। जहां तक अपना दल एस का सवाल है, तो हम ऐसे किसी भी नए जम्मू-कश्मीर को स्वीकार नहीं करेंगे जहां वंचितों, शोषितों, और पिछड़ों के आरक्षण के अधिकार को समाप्त किया जाए।