उत्तर प्रदेशबलियाबांसडीह

Ballia News: टिकुलिया भोजपुरवा में सरयू में समाहित हुआ पंचायत भवन, हजारों एकड़ खेत नदी में विलीन

बांसडीह, बलिया। बलिया के बांसडीह तहसील क्षेत्र की बात करें तो सैकड़ों साल बाद दो साल से सरयू नदी  कटान कर रही है , भोजपुरवा गांव में उपजाऊ जमीन कटान हुआ,तो घर तोड़ने पर सरयू नदी ने मजबूर कर दिया। लगभग 1000 से अधिक आबादी व 350 घरों वाला टिकुलिया का अस्तित्व ही सरयू ने समाप्ति के कगार पर पहुँचा दिया है। अपने घरों को कराहते हुए लोग अपना आशियाना उजाड़ लिये।और तो और घरों को भी सरयू ने अपने मे समाहित कर लिया।

सरयू नदी किनारे के गांवों में कटान लगातार जारी है। टिकुलिया गांव में बुधवार को पंचायत भवन सहित सामुदायिक शौचालय व  घरों के साथ ही सैकड़ों एकड़ किसानों की खेती की जमीन  पानी में  समाहित हो गया है। सरयू का पानी बस्ती के पास घरों को भी कटान कर नदी में विलीन कर रहा है।  भोजपुरवा गांव के टिकुलिया मौजे में लाखों रुपयों  की लागत से बना सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन सरयू की कटान से पानी में समाहित हो गया। जबकि सामुदायिक शौचालय एक वर्ष पूर्व ही शासन द्वारा  लाखों रुपये की लागत से बना था।

कटान का मुख्य केंद्र अब भोजपुरवा गांव की बस्ती से पांच सौ मीटर आगे  हो रहा हैं । टिकुलिया को सरयू नदी ने अपने मे समाहित ही कर लिया है।साथ ही भोजपुरवा के लोग भी सहमे हुए हैं।सरयू नदी में  जलस्तर बढ़ने व कटान से  अब तक भोजपुरवा, चक्की दियर, मलाहीचक , खादीपुर, सुल्तानपुर के किसानों के सैकड़ों एकड़ खेत पानी में चला गया हैं।  भोजपुरवा व टिकुलिया दियर के अधिकांश लोग अपना सामान लेकर टीएस बंधे पर या बाढ़ राहत शिविर में चले गए हैं। लगातार कटान होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मां सरयू अब मत करना ऐसा तांडव, दो साल से कटान ऐसा कर दीं की घरों को उजाड़ना पड़ा – रोते हुए पीड़ित बोले बांसडीह तहसील के भोजपुरवा गांव में बुजुर्गों सहित पीड़ितों का दर्द सुनकर हर कोई चकित हो जा रहा था। रोते हुए एक ही अंदाज में महिलाएं,बुजुर्ग बोल रहे थे , हे मां सरयू सैकड़ों साल पहले की बात सुने थे हम लोग, सरयू का कटान नुकसान करता है। अब सामने आ गया। लगातार दो साल से कटान ऐसा हुआ कि घरों को हम लोग खुद उजाड़ लिये , हे मां सरयू अब कभी मत ऐसा करना।

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