बेल्थरा रोड, बलिया। भीमपुरा वार्ड नंबर 1 में आयोजित श्री रामकथा मानस प्रवचन के तीसरे दिन रविवार को कथावाचिका देवी चंद्रकला जी को सामाजिक कार्यकर्ता तथा राष्ट्रीय संयोजक डॉ टी एन मिश्रा ब्रह्मशक्तिसंघ भारत एवं श्री मुन्ना सिंह ग्राम प्रधान भीमपुरा तथा डॉ प्रियंका उपाध्याय प्राचार्या विवेकानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेमरी बलिया ने प्रभु श्रीराम दरबार की प्रतिमा एवं अंगवस्त्रम् तथा माल्यार्पण कर सम्मानित किया।
इसके साथ ही अतिथियों ने श्री रामसागर दास जी महाराज एवं मंच पर उपस्थित सभी साधु-सन्तों को अंगवस्त्रम् एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया। तदोपरांत आशुतोष मद्धेशिया,राघवेन्द्र सिंह,अनुप गुप्ता,अजय सिह,भरत चौहान,विक्की सिंह,पंकज सिंह श्रीदुर्गापूजा समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने देवी चन्द्रकला जी एवं उनके सहयोगियों को अंगवस्त्रम् एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया। देवी चन्द्रकलाजी ने “कौन कहता है भगवान् आते नहीं।
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।। कौन कहता है भगवान् खाते नहीं। तुम सबरी के जैसे खिलाते नहीं।। भजन गाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। देवी चन्द्रकला जी ने नारद जी का विश्वमोहिनी के प्रति आकर्षित होना एवं भगवान विष्णु का नारदजी से छल करना की कथा कहकर श्रोताओं पर अपनी पकड़ बनाए रखने में सफल रहीं। प्रभु श्रीराम जन्मोत्सव पर “राजा जी खजनवां दे द। रानी जी गहनवां दे द।। बाजी ना मंजीरा अइसे हीरा रतनवां दे द।। पांव पंयजनीया दे द। कमर करधनीया दे द। इहे बा विचार अपने हाथ के कंगनवा दे द।। गीत के अन्त में ‘ इहे बा विचार अपनी गोदी के ललनवां दे द’।।
गीत गाकर श्रोताओं को झुमझुम कर नाचने पर विवश कर दिया। कार्यक्रम का भावुक पल तब देखने को मिला जब पूजनीय संत 1008 श्री रामसागर दास जी महाराज ने खुद के सम्मान में पहनाईं गई पुष्प माला को समाजिक कार्यकर्ता टी एन मिश्रा के गले में डाल दिया। श्रोताओं के ‘जयश्री राम’ के उद्घोष एवं तालियों की गड़गड़ाहट नें समूचे पांडाल को भक्तिरस में सराबोर हो गया। मनोज चौहान,सुरेन्द्र गुप्ता,डॉ रामाश्रय,डॉ बृजेश सिंह,राधेकांत सिंह,कुन्दन मद्धेशिया,आशमोहम्मद,इरफान,राजू यादव,नारायण सिंह बम, बृजभान,प्रवीण,चन्दन,भूवाल ने सक्रिय योगदान दिया।